"अब चूल्हे में धुआं नहीं, रसोई में उजाला है। अब मां खांसती नहीं, मुस्कराती है।"
ये बदलाव कोई कहानी नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की सच्चाई है, जिसने भारत के करोड़ों घरों को नई रोशनी दी है।
उज्ज्वला: महिलाओं की रसोई से शुरू हुआ बदलावभारत के गांवों में एक समय था जब महिलाएं हर दिन लकड़ी, उपले और कोयले का इंतजाम करने में ही 2-3 घंटे खर्च करती थीं। खाना बनाना सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, एक संघर्ष था। धुएं से भरे कमरों में उनकी आंखें जलती थीं, बच्चे खांसते थे और स्वास्थ्य धीरे-धीरे खराब होता था।
फिर आई उज्ज्वला योजना – एक नई रोशनी, एक नई सुबह।
क्या है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना?-शुरुआत: 1 मई 2016
-लक्ष्य: गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देना।
-पहला चरण (उज्ज्वला 1.0): 5 करोड़ कनेक्शन
-विस्तार (उज्ज्वला 2.0): अतिरिक्त 1.6 करोड़ कनेक्शन
-अब तक: 10.33 करोड़ से अधिक महिलाएं लाभान्वित
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फोटो-पीआईबी |
उज्ज्वला क्यों है खास?-कनेक्शन केवल महिला के नाम पर – उन्हें निर्णय लेने का अधिकार देता है।
-धुएं से मुक्ति – आंखों, फेफड़ों और त्वचा से जुड़ी बीमारियों में कमी।
-समय की बचत – अब महिलाएं खेती, बच्चों की पढ़ाई या छोटे व्यवसायों में समय दे रही हैं।
-300 रुपये की सब्सिडी प्रति रिफिल – साल में 9 बार (14.2 किग्रा सिलेंडर पर)
क्या बदला उज्ज्वला ने?*सुक्शो चौधरी (नारायणपुर, झारखंड):
पहले हर दिन लकड़ी इकट्ठा करना उनकी मजबूरी थी। अब LPG की वजह से वह खेतों में सब्जियां उगाकर उन्हें बेचती हैं और कमाई करती हैं। अब वह भी अपने गांव की सम्मानित महिला बन चुकी हैं।
*कैमेलिया नस्कर (दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल):
जहाँ पहले उनकी रसोई धुएं से भरी रहती थी, अब वहां बच्चों की हँसी, गरमा-गरम भोजन और पढ़ाई की आवाज़ गूंजती है।
कहाँ-कहाँ पहुंची उज्ज्वला?राज्य- लाभार्थी परिवार (2024 तक)
उत्तर प्रदेश- 1.85 करोड़ से अधिक
बिहार- लगभग 1.16 करोड़
पश्चिम बंगाल- लगभग 1.23 करोड़
मध्य प्रदेश- 88.4 लाख से अधिक
महाराष्ट्र- 52.18 लाख से अधिक
आंकड़े जो प्रेरणा देते हैं-रोजाना 12.6 लाख सिलेंडर की रिफिल (2024-25 में)
-234.02 करोड़ एलपीजी रिफिल अब तक वितरित
-प्रति व्यक्ति उपभोग: 2019-20 में 3.01 से बढ़कर 2024-25 में 4.43 सिलेंडर
सतत विकास में उज्ज्वला की भूमिकाउज्ज्वला योजना न केवल ईंधन देती है, बल्कि यह गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सुरक्षा, और पर्यावरण संरक्षण जैसे सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) को भी साकार कर रही है।
उज्ज्वला एक योजना नहीं, एक क्रांति हैयह सिर्फ गैस कनेक्शन देने की योजना नहीं है – यह सम्मान, सुरक्षा और स्वतंत्रता देने की योजना है। यह योजना हर उस महिला के चेहरे पर मुस्कान लाती है जो पहले धुएं में घुटती थी। यह उन बच्चों को सुरक्षित हवा देती है जो पहले कालिख भरे माहौल में बड़े हो रहे थे।
आज उज्ज्वला योजना का हर सिलेंडर, हर नीली लौ, भारत के उज्जवल भविष्य की गवाही दे रही है।
सोर्स पीआईबी
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